BNS: Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Kya Hai ? भारतीय न्याय संहिता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों का जवाब |

BNS: Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Kya Hai ?

BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) 2023 अब यह IPC (Indian Penal Code) जिसे हिंदी में भारतीय दण्ड संहिता के नाम से जाना जाता था का जगह लेकर अब भारत का नया कानून बन चूका है | इस पोस्ट में हम भारतीय न्याय संहिता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों का जवाब जानने कि कोशिश करेंगे |

Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Kya Hai

भारत सरकार द्वारा तीनों आपराधिक कानूनों भारतीय दण्ड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलकर अब इसके स्थान पर तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को  लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद भारत के वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपती मुर्मू ने भी 25/12/2023 को अपना मंजूरी दे दी हैं |

अब इन तीनों नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को भारत सरकार द्वारा कभी भी लागु किया जा सकता है |

जब ये कानून पूर्ण रूप से लागु हो जायेंगे तो भारत के पुराने आपराधिक कानूनों भारतीय दण्ड संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का प्रभाव खत्म हो जायेगा और नए तीनो कानून प्रभाव में आ जायेंगे |

Bharatiya Nyaya Sanhita कि जरुरत क्यों पड़ी ?

Bharatiya Nyaya Sanhita कि जरुरत भारत में बढ़ते नए आपराधों पर नकेल कसने और पुराने कानून को नए जमाने के अनुसार बदलने के लिए पड़ी | Bharatiya Nyaya Sanhita में कई बदलाव किये गए हैं | जैसे Bharatiya Nyaya Sanhita में राजद्रोह को अब खत्म कर दिया गया है | वहीँ Bharatiya Nyaya Sanhita में महिलाओं और बच्चों कि सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है |

Bharatiya Nyaya Sanhita PDF हिंदी में कहाँ से डाउनलोड करें ?

Bharatiya Nyaya Sanhita PDF हिंदी में डाउनलोड करने के लिए आप इसके PRS के ऑफिसियल वेबसाइट पर जा सकते हैं या आप निचे यहाँ क्लिक करें पर क्लिक कर के भी डाउनलोड कर सकते हैं |

यहाँ क्लिक करें 

नए और पुराने आपराधिक कानूनों के बदलाव के कारण सबके जहन में कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठ रहे है जिनका जबाव जानना काफी जरुरी है, तो आइये शुरू करते हैं भारतीय न्याय संहिता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों और उनके जवाबों कि सिलसिला |

सवाल : BNS का फुल फॉर्म क्या है ?

जवाब : BNS का फुल फॉर्म Bharatiya Nyaya Sanhita / भारतीय न्याय संहिता है |

सवाल : BNS और IPC में  क्या अंतर है ?

जवाब : BNS  यानि कि Bharatiya Nyaya Sanhita/भारतीय न्याय संहिता, IPC यानि इंडियन पीनल कोड का जगह लेने वाला नया कानून है | IPC में कुल 511 धाराएँ थी जबकि BNS में कुल धाराओं कि संख्या मात्र 358 हैं | इसमें 21 नए अपराध जोड़े गए हैं जबकि 41 अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ा दी गई है वहीं 82 अपराधों में जुर्माना राशि बढ़ी है। 25 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा शुरू की गई है। 6 अपराधों में सजा के रूप में सामुदायिक सेवा के प्रावधान हैं जबकि 19 धाराओं को निरस्त की गई हैं।

सवाल : मॉब लिंचिंग में क्या सजा हो सकती है?

जवाब : Bharatiya Nyaya Sanhita में मॉब लिंचिंग को जघन्य अपराध कि श्रेणी में रखा गया है | भीड़ द्वारा की गई हिंसा में दोष सिद्ध होने पर आरोपी को मौत की सजा तक हो सकती है |

सवाल: नए कानून में जीरो एफआईआर का क्या मतलब है?

जवाब: नए कानून Bharatiya Nyaya Sanhita में पीड़ित व्यक्ति अब किसी भी पुलिस थाने में जाकर जीरो एफआईआर दर्ज करा सकता है। एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर एफआईआर को संबंधित थाने में स्थानांतरित करना होगा।

सवाल: नए कानून में गिरफ्तार लोगों के लिए क्या प्रावधान है?

जवाब: नए कानून Bharatiya Nyaya Sanhita में गिरफ्तार लोगों के लिए खास प्रावधान किया गया है | नए कानून के अनुसार अगर पुलिस किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है तो उसकी जानकारी गिरफ्तार किये गए व्यक्ति के परिवार को देनी होगी। पहले ये जरूरी नहीं था।

तथा साथ ही केस में 90 दिन में क्या हुआ पीड़ित व्यक्ति को पुलिस सबकुछ बताएगी। गिरफ्तार किये गए व्यक्तियों की सूची तैयार करने और उनके रिश्तेदारों को सूचित करने के लिए हर जिले के पुलिस स्टेशन में एक पुलिस अधिकारी नामित किया जाएगा।

सवाल: क्या आरोपी की गैरमौजूदगी में ट्रायल संभव है?

जवाब: देखिये अगर आरोपी व्यक्ति 90 दिन के भीतर कोर्ट में पेश नहीं होता है तो उसकी गैर मौजूदगी में ट्रायल होगा। अगर कोई आरोपी दूसरे देशों में जाकर छिप जाता है तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू हो सकेगी।

सवाल: हिट एंड रन केस में कितनी सजा मिलेगी?

जवाब: Bharatiya Nyaya Sanhita के अनुसार अगर कोई व्यक्ति रोड एक्सीडेंट कर के भाग जाता है तो रोड एक्सीडेंट कर के भागने वालों को दस साल की सजा का प्रावधान है। वहीँ अगर कोई व्यक्ति रोड एक्सीडेंट कर देता है और भागने के बजाय घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम हो सकती है।

सवाल: क्या हर व्यक्ति को हथकड़ी लगाई जा सकती है?

जवाब: नए कानून Bharatiya Nyaya Sanhita में रेप और हत्या के आरोपियों को हथकड़ी लगाने का अधिकार पुलिस के पास है । पुलिस अगर चाहे तो  गिरफ्तारी से लेकर अदालत में पेशी तक हथकड़ी का प्रयोग कर सकती है।

सवाल: हिरासत से व्यक्ति कितने समय में रिहा हो सकता है?

जवाब: पहली बात तो ये कि पुलिस हिरासत में पुलिस किसी व्यक्ति के विरुद्ध अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकती है। छोटे-मोटे मामलों में व्यक्ति हिरासत से 24 घंटे के भीतर रिहाई हो सकेगी ।

सवाल: क्या नए कानून में सभी धाराएँ बदल चुकी हैं ?

जवाब: जी हाँ, नए कानून Bharatiya Nyaya Sanhita में सभी धाराएँ इधर-उधर हो गयी हैं | पहले IPC कि कुछ महत्वपूर्ण धाराएँ आम लोगों तक को मुजबानी याद हो गई थी किन्तु अब सभी धाराएँ इधर-उधर हो चुकी हैं |

सारांश :

इस पोस्ट में हमने BNS: Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Kya Hai ? भारतीय न्याय संहिता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों का जवाब  जाना अगर आपके पास भी इससे जुडी कोई सवाल है तो आप हमसे कोमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है ? वैसे आपके लिए एक सवाल है : नए कानून के आ जाने से क़ानूनी व्यवस्था में क्या फर्क पड़ने वाली है ?

धन्यवाद !

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